PF पेंशन बढ़ाने की तैयारी में सरकार! इन नियमों में हुआ है बदलाव

Epfo Pension: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई। बैठक में श्रम मंत्री ने कहा कि न्यूनतम पीएफ पेंशन बढ़ाने पर कैबिनेट स्तर पर सक्रिय रूप से विचार चल रहा है। हालांकि यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं था, लेकिन श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने चर्चा के दौरान यह मांग रखी कि न्यूनतम पीएफ पेंशन ₹1,000 प्रति माह से बढ़ाई जाए।

न्यूनतम पेंशन ₹1,000 से बढ़ाने पर चर्चा

द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के बाद एक सदस्य ने बताया, “मंत्री ने इस पर असहमति नहीं जताई और कहा कि कैबिनेट इस प्रस्ताव पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है।” बैठक में उच्च पेंशन के वितरण में हो रही देरी का मुद्दा भी उठा। कई सदस्यों ने कहा कि विभिन्न हाई कोर्ट के आदेशों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद ईपीएफओ की मौजूदा गाइडलाइंस उनके अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि पुरानी गाइडलाइंस वापस ली जाएं और नई व्यवस्था सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक लागू की जाए। हालांकि, एक अन्य सदस्य के अनुसार, इस पर सरकार की प्रतिक्रिया ‘सकारात्मक नहीं’ रही।

इन नियमों में हुआ है बदलाव

श्रम मंत्रालय के अनुसार, बैठक में ईपीएफ आंशिक निकासी के नियमों को सरल और उदार बनाया गया है। अब तक 13 जटिल प्रावधान थे, जिन्हें घटाकर तीन श्रेणियों में कर दिया गया है- 1. आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, विवाह), 2. आवास संबंधी जरूरतें और 3. विशेष परिस्थितियां।

इसके अलावा अब सदस्य कुल शेष राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के अंश सहित) का 100% तक निकाल सकेंगे। नई व्यवस्था के तहत, शिक्षा के लिए निकासी अब 10 बार तक की जा सकेगी। विवाह के लिए निकासी 5 बार तक संभव होगी (पहले शिक्षा व विवाह मिलाकर कुल 3 बार की सीमा थी)। वहीं, न्यूनतम सेवा अवधि सभी आंशिक निकासियों के लिए घटाकर 12 महीने कर दी गई है।

‘विश्वास योजना’ की शुरुआत

सीबीटी ने विश्वास योजना शुरू करने का फैसला किया है, जिसका उद्देश्य जुर्माने से जुड़ी मुकदमेबाजी को कम करना है। श्रम मंत्रालय ने बताया कि पीएफ बकाया राशि में देरी पर लगने वाले जुर्माने के कारण बड़ी संख्या में मामले अदालतों में लंबित हैं।

पेंशनरों को घर बैठे सुविधा

बैठक में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत EPS-95 पेंशनरों को घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) सेवा मिलेगी। इस सेवा की लागत ₹50 प्रति प्रमाणपत्र होगी, जिसे पूरी तरह ईपीएफओ द्वारा वहन किया जाएगा।

 

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