इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना हर टैक्सपेयर की जिम्मेदारी होती है। लेकिन सरकार ने 75 साल या उससे ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक खास राहत दी है। अगर कुछ खास शर्तें पूरी होती हैं, तो ऐसे सीनियर सिटीजन को ITR फाइल करने की जरूरत नहीं होती। यह नियम टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाने और बुजुर्गों को राहत देने के मकसद से लाया गया है। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह छूट किन्हें मिलती है, कैसे मिलती है और कब यह राहत लागू नहीं होती।
कौन सीनियर सिटीजन ले सकता है ITR फाइल करने से छूट?
ITR फाइलिंग से छूट केवल उन्हीं वरिष्ठ नागरिकों को मिलती है जो निम्नलिखित शर्तें पूरी करते हों:
- आयु: असेसमेंट ईयर 2025-26 में 75 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- निवास: व्यक्ति भारत का निवासी होना चाहिए।
- आय का स्रोत:
- केवल पेंशन और
- उसी बैंक से मिलने वाला ब्याज (Interest) होना चाहिए।
यानी अगर आपकी इनकम का कोई अतिरिक्त स्रोत है जैसे किराया, व्यापार, कैपिटल गेन या शेयर बाजार से कमाई, तो आपको ITR फाइल करना जरूरी होगा।
किन लोगों को नहीं मिलेगी यह छूट?
यह राहत सभी सीनियर सिटीजन के लिए नहीं है। निम्नलिखित परिस्थितियों में आपको ITR फाइल करना अनिवार्य होगा:
- अगर आपकी पेंशन और ब्याज अलग-अलग बैंकों से आता है।
- अगर आपके पास अतिरिक्त इनकम स्रोत हैं जैसे किराया, बिजनेस, शेयर बाजार या कोई और।
- अगर आपके एक से ज्यादा बैंक अकाउंट में ब्याज जमा हो रहा है।
छूट पाने के लिए क्या करना होगा?
अगर आप ऊपर बताई गई सभी शर्तों को पूरा करते हैं, तो आपको ITR भरने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आपको बस:
- फॉर्म 12BBA भरना होगा।
- यह फॉर्म उस बैंक में जमा करना होगा, जिससे आपको पेंशन और ब्याज दोनों मिलते हैं।
यह फॉर्म बैंक को अधिकृत करता है कि वह:
- आपकी पूरी सालाना इनकम का आकलन करे,
- टैक्स डिडक्शन (जैसे सेक्शन 80C, 80D आदि) को लागू करे,
- और उसी के आधार पर आपका टैक्स कैलकुलेट कर
- TDS काटकर सरकार को जमा कर दे।
अगर बैंक द्वारा सही तरीके से टैक्स जमा कर दिया जाता है, तो आपको ITR फाइल करने की जरूरत नहीं होती।
सरकार ने क्यों दी यह राहत?
बुजुर्गों के लिए टैक्स रिटर्न भरना एक जटिल प्रक्रिया हो सकता है। डिजिटल प्लेटफॉर्म, विभिन्न फॉर्म्स, टैक्स डिडक्शन और कैलकुलेशन की प्रक्रिया उनके लिए कठिन हो सकती है।
इसलिए सरकार का उद्देश्य है कि:
- जिन वरिष्ठ नागरिकों की इनकम सीमित, नियमित और स्पष्ट है,
- उन्हें बार-बार टैक्स कंसल्टेंट या चार्टर्ड अकाउंटेंट की सहायता लेने की जरूरत न पड़े।
- और वे सरल तरीके से टैक्स नियमों का पालन कर सकें।
निष्कर्ष:
अगर आप या आपके जानने वाले किसी व्यक्ति की उम्र 75 वर्ष या उससे अधिक है और इनकम का स्रोत सिर्फ पेंशन व उसी बैंक से ब्याज है, तो यह छूट एक बड़ी राहत साबित हो सकती है। सही जानकारी और प्रक्रिया का पालन करके बिना ITR फाइल किए भी टैक्स नियमों का पालन किया जा सकता है।
जरूरी सलाह:
इस छूट का लाभ लेने से पहले अपने बैंक और टैक्स सलाहकार से जरूर सलाह लें ताकि कोई गलती न हो।