Income Tax Rule: अगर आप हर महीने 50,000 रुपये से ज्यादा घर का किराया दे रहे हैं तो आपको टीडीएस काटना होगा। अगर आप टीडीएस काटे बगैर मकानमालिक को किराया दे रहे हैं तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आ सकता है। दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस नियम का पालन नहीं करने पर कई टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा है। ये नोटिस वित्त वर्ष 2023 और 2024-25 के लिए भेजे गए हैं। नोटिस में कहा गया है टैक्सपेयर्स ने एचआरए क्लेम किया है, लेकिन रेंट पर टीडीएस नहीं काटा है। बताया जाता है कि बड़ी संख्या में ऐसे टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा गया है।
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 194-IB के तहत, अगर कोई व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) टैक्स ऑडिट के दायरे में नहीं आता है, तो उसे ₹50,000 महीने से ज्यादा किराया देने पर 5% TDS काटना होता है।
कटौती वर्ष में एक बार की जानी चाहिए—मार्च में या किरायेदारी के अंतिम महीने में, जो भी पहले हो। इसके बाद किरायेदार को फॉर्म 26QC भरना होगा और फॉर्म 16C मकान मालिक को देना होगा।
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TDS नहीं काटने पर क्या होगा?
अगर किरायादार बगैर टीडीएस काटे मकानमालिक को किराए देता है तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उस पर पेनाल्टी और इंटरेस्ट लगा सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस बारे में एक नया ब्रोशर जारी किया है। इसमें टीडीएस को लेकर किराएदार की जिम्मेदारी के बारे में बताया गया है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 194-1बी में कहा गया है कि बिल्डिंग के साथ ही लैंड का रेंट भी टीडीएस के नियम के दायरे में आता है।
TDS का पैसा कब तक जमा करना होगा?
किराएदार ने जिस तारीख को घर का किराया चुकाया है, उससे 30 दिन के अंदर टीडीएस का पैसा सरकार के पास डिपॉजिट करना जरूरी है। अगर किराएदार इस डेडलाइन का पालन नहीं करता है तो रोजाना 200 रुपये के हिसाब से उसे लेट फाइलिंग फीस चुकानी होगी। टीडीएस रिटर्न नहीं फाइल करने पर सेक्शन 271एच के तहत 1 लाख रुपये तक की पेनाल्टी भी चुकानी पड़ सकती है। इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टीडीएस नहीं काटा गया पूरा पैसा किराएदर से रिकवर करेगा।