EPFO ने बदला UAN बनाने का तरीका, अब आधार से होगा सीधा लिंक

EPFO New Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation – EPFO) ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को लेकर एक अहम बदलाव किया है। EPFO ने यह फैसला किया है कि 1 अगस्त 2025 से नया UAN अब केवल UMANG ऐप के जरिए आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक (Face Authentication Technology – FAT) से ही जनरेट या अलॉट किया जाएगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि UAN जनरेशन की प्रक्रिया पूरी तरह त्रुटिरहित, स्वचालित और भरोसेमंद हो।

क्या होता है UAN और क्यों है जरूरी?

UAN यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर को EPFO अलॉट करता है। यह नंबर हर उस कर्मचारी को मिलता है, जो जो कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 के तहत आने वाले संस्थान में काम करता है। UAN एंप्लॉयीज की पहचान के तौर पर काम करता है। कर्मचारी जब-जब नौकरी बदलता है, नए नियोक्ताओं द्वारा दिए गए Member IDs उसी UAN से जुड़ते जाते हैं। चूंकि यह UAN व्यक्ति के पूरे करियर के लिए मान्य रहता है, इसलिए इसका सटीक और सुरक्षित तरीके से जनरेट होना बेहद जरूरी होता है।

अब तक कैसे बनता था UAN?

अब तक कर्मचारियों को UAN प्राप्त करने के लिए या तो अपने नियोक्ता के जरिए आवेदन करना होता था, या फिर अन्य डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करना होता था। लेकिन कई बार डेटा एंट्री में गलती, पहचान संबंधी गड़बड़ी या डॉक्युमेंट्स के सत्यापन में देरी जैसी समस्याएं सामने आती थीं। EPFO ने इन्हीं कारणों को खत्म करने के लिए एक फुल-प्रूफ डिजिटल सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है।

EPFO का नया सिस्टम क्या है?

EPFO ने यह तय किया है कि अब नया UAN केवल UMANG ऐप के जरिए ही जनरेट होगा और इसके लिए आधार कार्ड से जुड़ी फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक (FAT) का इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रक्रिया में सदस्य को UMANG ऐप और Aadhaar Face RD App को अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल करना होगा। इसके बाद ऐप पर फेस स्कैन के जरिए आपकी पहचान UIDAI (आधार डेटाबेस) से वेरिफाई होगी और UAN जनरेट हो जाएगा।

EPFO ने 30 जुलाई 2025 को जारी सर्कुलर में कहा, “UAN के त्रुटिरहित जनरेशन को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि 1 अगस्त 2025 से नया UAN केवल UMANG ऐप में आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से ही जनरेट/अलॉट किया जाएगा।”

किन लोगों के लिए रहेगी पुरानी प्रक्रिया?

EPFO ने यह भी स्पष्ट किया है कि कुछ अपवादों के लिए के लिए वर्तमान में प्रचलित प्रक्रिया यानी नियोक्ताओं के माध्यम से UAN जनरेट करने की सुविधा बनी रहेगी। जैसे कि अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी (International Workers) और नेपाल व भूटान के नागरिक।

अप्रैल 2025 में शुरू हुई थी FAT सुविधा

इससे पहले EPFO ने 8 अप्रैल 2025 को फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की शुरुआत की थी। तब EPFO ने UMANG ऐप में 3 प्रमुख सुविधाएं जोड़ी थीं:

  • नई नौकरी शुरू करने वाले कर्मचारी सीधे ऐप से UAN जनरेट और एक्टिवेट कर सकते हैं।
  • जिन लोगों का UAN पहले से है, वे ऐप से उसका एक्टिवेशन कर सकते हैं।
  • पहले से एक्टिवेटेड UAN के लिए फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए सेवाएं एक्सेस की जा सकती हैं।

EPFO ने यह भी बताया था कि इन सुविधाओं का लाभ लेने के लिए किसी भी EPFO ऑफिस या नियोक्ता से संपर्क करने की जरूरत नहीं होगी। सदस्य अपने स्मार्टफोन से खुद यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

नई व्यवस्था से क्या फायदे होंगे?

EPFO के अनुसार इस डिजिटल बदलाव से कई फायदे होंगे। इससे पीएफ मेंबर को सहूलियत होगी। साथ ही, EPFO का काम भी आसान हो जाएगा।

  • UAN जनरेशन और एक्टिवेशन एक साथ होगा, अलग-अलग प्रक्रिया की जरूरत नहीं होगी।
  • सारा डेटा UIDAI से सीधे भरेगा, जिससे गलत जानकारी की आशंका खत्म होगी।
  • कोई मैन्युअल वेरिफिकेशन या डॉक्युमेंट अपलोड की जरूरत नहीं पड़ेगी।

UAN जनरेट होते ही सदस्य e-UAN कार्ड का PDF डाउनलोड कर सकेंगे, जिसे वे अपने नियोक्ता को देकर PF प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। एक्टिवेशन के तुरंत बाद सदस्य को पासबुक देखना, KYC अपडेट करना, क्लेम सबमिट करना जैसी EPFO सेवाओं का एक्सेस मिल जाएगा।

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