ICICI ने UPI ट्रांजेक्शन पर लगाया चार्ज, Google Pay-PhonePe यूजर्स पर क्या होगा असर?

नई दिल्ली- अभी तक देश के ज़्यादातर बड़े बैंकों ने UPI पर कोई शुल्क नहीं लगाया है। लेकिन अब निजी क्षेत्र के एक बड़े बैंक ICICI ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। 1 अगस्त, 2025 से देश के बड़े निजी क्षेत्र के बैंक ICICI ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसका असर डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों लोगों पर पड़ सकता है। अब बैंक Google Pay, PhonePe, Mobikwik, Razorpay जैसे पेमेंट एग्रीगेटर्स से UPI ट्रांजेक्शन पर शुल्क लेगा। हालाँकि आम ग्राहकों को सीधे तौर पर शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन इसका असर दुकानदारों पर पड़ेगा और अंततः ग्राहकों तक पहुँच सकता है।

क्या है पूरा मामला?

Google Pay या PhonePe जैसे पेमेंट एग्रीगेटर (PA) व्यापारियों और बैंकों के बीच सेतु का काम करते हैं। जब कोई ग्राहक किसी वेबसाइट या ऐप पर UPI का इस्तेमाल करके भुगतान करता है, तो ये एग्रीगेटर उस लेनदेन को प्रोसेस करते हैं। अब ICICI बैंक ने हर लेनदेन पर उनसे शुल्क लेने का फैसला किया है।

कितना शुल्क लगेगा?

यदि भुगतान एग्रीगेटर (PA) का ICICI में एस्क्रो खाता है, तो प्रति लेनदेन 2 आधार अंक (bps) या अधिकतम ₹6 का शुल्क लिया जाएगा। यदि भुगतान एग्रीगेटर का ICICI में एस्क्रो खाता नहीं है, तो प्रति लेनदेन 4 आधार अंक (bps) या अधिकतम ₹10 का शुल्क लिया जाएगा। यदि व्यापारी का ICICI में खाता है और उसी में UPI से भुगतान होता है, तो कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। क्योंकि बैंक को इस पर ब्याज मिलता है।

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बैंक ने यह कदम क्यों उठाया?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने हाल ही में UPI पर शुल्क लगाने के बारे में कुछ संकेत दिए हैं। UPI प्रणाली को बनाए रखने में बैंकों की लागत बढ़ रही है। इसलिए, बुनियादी ढाँचे, सुरक्षा और तकनीक में भारी निवेश किया जा रहा है। जबकि UPI पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नहीं है, यानी बैंकों को इससे कोई आय नहीं होती है। ऐसे में, बैंक अब भुगतान समूहों से राजस्व उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या ग्राहकों पर इसका सीधा असर पड़ेगा?

फिलहाल आम ग्राहकों पर कोई शुल्क नहीं लगेगा लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि एग्रीगेटर इस लागत का बोझ व्यापारियों पर डाल सकते हैं, जिसका बोझ बाद में वस्तुओं या सेवाओं की कीमत में बढ़ोतरी के रूप में ग्राहकों पर डाला जा सकता है। आईसीआईसीआई के अलावा, यस बैंक और एक्सिस बैंक जैसे अन्य निजी बैंक भी पेमेंट एग्रीगेटर्स से यूपीआई लेनदेन पर शुल्क ले रहे हैं। दरअसल, आईसीआईसीआई, एक्सिस और यस बैंक- तीनों ही यूपीआई इकोसिस्टम में अहम भूमिका निभाते हैं। पेमेंट्स इंडस्ट्री से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ‘यूपीआई का पी2एम यानी ग्राहक से व्यापारी के बीच लेनदेन तेजी से बढ़ा है। लेकिन बैंकों को इससे कमाई नहीं हो रही है, इसलिए चार्जिंग मॉडल की ओर रुख करना स्वाभाविक है।’

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