रिटायरमेंट फंड का सीक्रेट प्लान! पड़ोसी भी पूछेंगे आपकी तरक्की का राज़

Retirement Planning Tips: रिटायरमेंट प्लानिंग में उम्र के हिसाब से निवेश जरूरी है. लेकिन निवेश करने से पहले आपको ये जान लेना चाहिए कि रिटायरमेंट फंड बनाने का सीक्रेट फॉर्मूला आखिर है क्या और कैसे आप कम समय में तगड़ा फंड बनाना शुरू कर सकते हैं.

जब बात रिटायरमेंट की आती है तो सबसे पहले आपके मन में ये ख्याल आता होगा कि आप कैसे ज्यादा से ज्यादा सेविंग्स कर सकते हैं ताकि रिटायरमेंट के बाद आपको पैसों की टेंशन न हो. लेकिन इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि जब आप 40 या 50 की उम्र में रिटायरमेंट के लिए तैयारी करते हैं, तो आपको अपना वित्तीय प्लान उसी हिसाब से बनाना चाहिए.

ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप 40 की उम्र में रिटायर होने की सोच रहे हैं और ये विचार रखते हैं कि 35 की उम्र में मोटा फंड बना लेंगे तो इतने कम समय में अच्छा फंड बनान मुश्किल है इसके लिए आपको कई साल पहले से तैयारी शुरू करनी होगी.

आइए आपको बताते हैं कि 40 या 50 साल की उम्र में अगर आप रिटायरमेंट लेने वाले हैं तो आपको क्या करना होगा.

कब शुरू करें निवेश?

30 की उम्र में बचत शुरू करना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि इस समय आपके लिए सबसे बड़ा दोस्त होता है. यदि आप थोड़ी-थोड़ी बचत तुरंत शुरू करते हैं, तो कंपाउंडिंग की ताकत से सालों बाद बड़ी रकम बन सकती है. समय रहते शुरू करें तो रिटायरमेंट के समय तनाव नहीं रहेगा.

40 की उम्र तक आते-आते जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं जैसे बच्चों की पढ़ाई, होम लोन, परिवार की देखभाल आदि. तब रिटायरमेंट की योजना और भी जरूरी हो जाती है. इस उम्र में आपको बचत सबसे ज्यादा करनी चाहिए. SIP के अलावा NPS और EPF का उपयोग कर सकते हैं ताकि भविष्य की तैयारी बेहतर हो सके.

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50 की उम्र के आसपास रिटायरमेंट नजदीक आता दिखता है. इस समय पैसे जमा करना मुश्किल होता है और जोखिम सहने की क्षमता कम हो जाती है. इसलिए अब थोड़ा सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ऑप्शन जैसे FD, PPF और NPS पर ध्यान देना चाहिए. इक्विटी से पूरी तरह बाहर भागने की जरूरत नहीं, लेकिन इसका हिस्सा धीरे-धीरे कम करें ताकि जोखिम कम हो और मुनाफा संतुलित बना रहे. इस तरह आप 60 साल तक एक मजबूत फंड इकठ्ठा कर सकते हैं.

पोर्टफोलियो में बदलाव है जरूरी-

महंगाई, जीवनकाल और स्वास्थ्य संबंधी खर्च को ध्यान में रखते हुए रिटायरमेंट के समय आपको आय का एक स्थिर और भरोसेमंद स्रोत चाहिए होता है. इसके लिए इक्विटीज़, डेट इंस्ट्रूमेंट्स और सरकारी योजनाओं को मिलाकर निवेश करना चाहिए. हर दशक में निवेश की स्ट्रैटेजी बदलती रहती है 30 की उम्र में ग्रोथ, 40 में बैलेंस और 50 में सुरक्षा प्राथमिक होती है. आपके पास कमाई के अरसे के मुताबिक, आपका पोर्टफोलियो भी बदलना चाहिए. जैसे-जैसे उम्र बढ़े, इक्विटी की जगह सेफ निवेशों को जगह देना बेहतर रहता है. NPS में निवेश करना भी एक समझदारी भरा कदम हो सकता है, क्योंकि यह टैक्स बचत के रूप में भी मददगार है.

इसके अलावा, जीवन बीमा लेना या इमरजेंसी फंड बनाकर रखना आपको वित्तीय अनिश्चितताओं से सुरक्षा देता है. रिटायरमेंट प्लानिंग एक बार की घटना नहीं, बल्कि जीवन भर की रणनीति है. जितनी जल्दी आप बचत शुरू करेंगे, उतनी आपकी आर्थिक जिंदगी आसान होगी. समय-समय पर निवेश की समीक्षा करें, अपनी ज़रूरतों के अनुरूप बदलाव करते रहें, और जहां जरूरत लगे, विशेषज्ञ से सलाह लेने में संकोच न करें.

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