देशभर के लोग जिस ऐतिहासिक परिवर्तन का इंतज़ार कर रहे हैं, वह अब हकीकत बनने के करीब है। भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना — अहमदाबाद से मुंबई तक — अब अपने निर्णायक चरण में पहुँच चुकी है। केंद्र सरकार ने हाल ही में बताया कि यह परियोजना दिसंबर 2029 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगी।
क्या है बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट?
भारत का यह पहला हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 12 स्टेशन होंगे। यह ट्रेन अहमदाबाद और मुंबई के बीच महज 2 से 3 घंटे में दूरी तय करेगी, जो फिलहाल 7-8 घंटे लगते हैं।
इस परियोजना की आधारशिला सितंबर 2017 में रखी गई थी और यह जापान की तकनीकी व वित्तीय सहायता से तैयार की जा रही है। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) इस परियोजना की 81% लागत वहन कर रही है।
अब तक कितना काम पूरा हुआ?
रेल मंत्रालय ने लोकसभा में जानकारी दी कि:
- गुजरात का हिस्सा दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
- महाराष्ट्र से साबरमती तक का पूरा कॉरिडोर दिसंबर 2029 तक बनकर तैयार होगा।
- अब तक ₹78,839 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
- कुल 28 टेंडर पैकेज में से 2 अभी भी लंबित हैं।
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परियोजना में देरी के कारण
- महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण और वन मंज़ूरी में देरी।
- गुजरात में कुछ कार्यों में पिछड़ापन।
- इससे परियोजना लागत में भी वृद्धि हुई है।
फंडिंग स्ट्रक्चर
- कुल लागत: ₹1.1 लाख करोड़ रुपये
- JICA: 81%
- भारतीय रेलवे और गुजरात-महाराष्ट्र सरकार: 19% (साझेदारी में)
इस परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ
- मुंबई-अहमदाबाद की यात्रा समय 2-3 घंटे तक सिमटेगी
- तेज़ और पर्यावरण अनुकूल परिवहन विकल्प
- व्यापार, पर्यटन और रोज़गार के नए अवसर खुलेंगे
- राष्ट्रीय हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) और रेल मंत्रालय मिलकर 24×7 काम में जुटे हैं
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