UPI Payment Charges: वित्त मंत्रालय ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) चार्ज को लेकर चल रहे अटकलों के बीच अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार 3000 रुपये से ज्यादा की UPI लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) फिर से लागू कर सकती है. 3000 रुपये से कम के ट्रांजेक्शन पर कोई चार्ज नहीं लागू होगा. 0 MDR पॉलिसी यानी मर्चेंट्स पर जीरो फीस का नियम जनवरी 2020 से चल रहा है. अब सरकार ने कहा है कि ऐसी कोई योजना नहीं है.
दरअसल, ऐसी खबरें बीते कई दिनों से सामने आ रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार 3000 रुपये से ज्यादा के UPI लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) या शुल्क लगाने की तैयारी में है। क्या वाकई ऐसा होने जा रहा है? इस दावे में कितनी सच्चाई है? वित्त मंत्रालय ने इस पर अपना रूख साफ कर दिया।
वित्त मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय ने बताया कि UPI लेनदेन पर किसी भी तरह का कोई चार्ज लगाने की सरकार तैयारी नहीं कर रही है। एक बयान जारी किया गया, “UPI लेनदेन पर MDR चार्ज किए जाने की अटकलें और दावे पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक हैं। इस तरह की निराधार और सनसनी पैदा करने वाली अटकलें हमारे नागरिकों के बीच अनावश्यक अनिश्चितता, भय और संदेह पैदा करती हैं। सरकार UPI के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
क्या किया गया था दावा
पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने सुझाव दिया है कि बड़े मर्चेंट्स (जिनका टर्नओवर अधिक है) पर 0.3% एमडीआर लगाया जाए. जिसे लेकर मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार यूपीआई को लेकर मर्चेंट चार्ज लागू कर सकती है. हालांकि वित्त मंत्रालय ने इससे इनकार कर दिया है. क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स पर एमडीआर 0.9% से 2% है. रुपे क्रेडिट कार्ड पर कोई चार्ज नहीं है.
यहां यह भी जानना जरूरी है कि जनवरी 2020 से UPI लेनदेन पर ‘जीरो MDR’ नीति लागू है, जिसका मतलब है कि व्यापारियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
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